अमेरिकी कवि लुईस उंटरमेयर की एक कविता...
विडम्बना : लुईस उंटरमेयर
(अनुवाद : मनोज पटेल)
किस लिए होती हैं ऎसी चीजें जिनको मौत नहीं आती
जो देख नहीं सकतीं और न ही लेती हैं सांस!
अमरत्व थोप दिया जाता है
जमीन के एक टुकड़े या बेमतलब से एक पत्थर पर.
मिट्टी का एक कण, बेढंगा सा एक ढेला
हासिल करता है ईश्वर का महानतम उपहार.
पड़ा रहता है रास्ते का कंकड़ यूं ही
और मरता नहीं कभी.
घास जो काटी थी हमारे पुरखों ने
आज उग रही है उनकी कब्रों पर;
बमुश्किल बहने वाली छोटी से छोटी नदी भी
प्रवाहित होती रहेगी अनंतकाल तक.
कोई मौत नहीं आती
कोमल और शांत पड़ी रेत को मारने के लिए...
मगर मनुष्य महान होता है, ताकतवर और बुद्धिमान --
इसीलिए तो मर जाता है वह.
:: :: ::
इसीलिए तो मर जाता है वह ....वाह !बढ़िया भावार्थ .मूल का आस्वादन करवाया आपने हमारे लिए तो यही मूल कवता है .
ReplyDelete