Sunday, July 22, 2012

हाल सिरोविट्ज़ : पुत्र

हाल सिरोविट्ज़ की एक और कविता...   

  
पुत्र : हाल सिरोविट्ज़ 
(अनुवाद : मनोज पटेल) 

हम लोग यहूदी हैं, पिता जी ने कहा. 
इसलिए ईसा मसीह को नहीं मानते हम. 
यदि ईश्वर ने चाहा होता कि हम पूजा करें ईसा मसीह की 
तो उसने बंदोबस्त किया होता हमें 
किसी इतालवी परिवार में पैदा करवाने का. उनके खिलाफ 
नहीं हूँ मैं. शायद बहुत बढ़िया इंसान थे वे. 
उनकी कोशिशों का श्रेय तो तुम्हें देना ही पड़ेगा उन्हें.  
अब भी बहुत से लोग मानते हैं कि वे पुत्र हैं ईश्वर के. 
मुझे नहीं पता कि उनके मन में क्या था अपने असली पिता के खिलाफ. 
पर यदि तुमने कभी मेरे साथ किया ऐसा,  
और कहा कि तुम पुत्र हो किसी और के, अपमानित महसूस करूंगा मैं.  
                         :: :: :: 

10 comments:

  1. धर्म की चुनाव ना करने पर भी जीवन भर हम उस कोष्ठक में रहते हैं.

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  2. अद्भुत, अनोखी, अश्रुतपूर्व भावभूमि....

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  3. "पर यदि तुमने भी मेरे साथ किया ऐसा,
    और कहा कि तुम पुत्र हो किसी और के, अपमानित महसूस करूँगा मैं." पिता का आग्रह और आपत्ति दोनों वाजिब.

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  4. मजेदार कविता । एक बात की ओर आपका ध्यान दिलाना चाहूँगा ---
    " हम लोग यहूदी हैं,पिता ने कहा " ,इस पंक्ति से लगता है कि कवि सीधे पाठक से मुखातिब है ,लेकिन "कि तुम पुत्र हों किसी और के ,अपमानित महसूस करूंगा मैं ।",से लगता है कि कवि अपने पिता से मुखातिब है ! कृपया इसे देखें और मेरा भ्रम दूर करें !धन्यवाद !

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    1. मिसिर सर, यह पूरी कविता पिता द्वारा कवि पुत्र को संबोधित है. "उसने बंदोबस्त किया होता हमें किसी इतालवी परिवार में पैदा करवाने का."

      वैसे हो सकता है कुछ कमी रह गई हो, सो मूल भी दे रहा हूँ:

      We're Jewish, Father said.
      So we don't believe in Christ.
      If God wanted us to worship Jesus
      he would have arranged for us to be born
      into an Italian family. I have nothing
      against Him. He was probably a very nice man.
      You have to give Him credit for trying.
      A lot of people still believe He's the Son of God.
      I don't know what He had against His real father.
      But if you ever did that to me,
      said you were someone else's son, I'd be insulted.

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  5. अच्छी लगी कविता ...
    अच्छा अनुवाद किया है ..!!

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  6. बहुत सुंदर अनुवाद ..!! और शानदार कविता

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  7. बहुत सुन्दर कविता,बहुत सुन्दर अनुवाद.

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  8. excellent.....
    superb translation.....

    million thanks to u manoj jee...

    anu

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  9. बहुत सुंदर भाव हैं
    बस हमारे ही भगवान है
    बाकी है भी किसी के तो
    उसकी किसे पहचान है !

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