रोक डाल्टन की एक कविता...
मर्ज का इलाज : रोक डाल्टन
(अनुवाद : मनोज पटेल)
लेखकों ने एक जानमारू किताब तैयार की
महामहिम राष्ट्रपति महोदय के लिए.
महामहिम राष्ट्रपति महोदय निरीक्षण करते हैं
अपने खंजरों के संग्रह का और उद्धृत करते हैं पाइथागोरस को.
महामहिम राष्ट्रपति महोदय को लोहे के डंडे की जरूरत पड़ती है
फौरी काम को निपटाने के लिए.
जूएँ पड़ी हुई हैं लेखकों के सर में.
महामहिम राष्ट्रपति महोदय छूरे से मारना चाहते हैं
लेखकों के सर में रेंग रही जूओं को.
लेखक भागते हैं दूसरे देश को :
सीमा पार करने के लिए मुंडाए गए उनके सर
चमकते हैं चांदनी में.
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Manoj Patel, Blogger & Translator, Mobile : 9838599333
'जानमारू किताब'..!!!
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