Monday, July 18, 2011

न्यूटन का सेब

फदील अल-अज्ज़वी की कविता...


न्यूटन का सेब : फदील अल-अज्ज़वी 
(अनुवाद : मनोज पटेल)

आइज़क न्यूटन ने, जिसने अपनी ज़िंदगी का ज्यादातर हिस्सा 
सार्वजनिक पार्कों में 
पेड़ों को 
ध्यान से देखते हुए बिताया था, 
एक दिन 
एक सेब को 
जमीन पर गिरते हुए देखा.
उसे याद आया 
कि जो चीज उसे जमीन से जोड़े हुई थी 
वह गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत नहीं था 
जिसे अभी-अभी उसने दुर्घटनावश खोज लिया था,
बल्कि यह उम्मीद थी 
कि सेब 
ऊपर की तरफ गिरेगा. 
                    :: :: :: 

3 comments:

  1. उम्मीदें कभी-कभी धोखा दे जाती हैं और कभी-कभी किस्मत ही बदल जाती हैं ...

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  2. sundar kavitaa. badhai iss chayan k liye.

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  3. badhai bhai is kavita ko share karne k liye...........

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