अडोनिस की कविताओं के क्रम में...
शून्य से,
जहां अर्थ
भटकता रहता है जंगलों में,
आता है प्यार, और बना रहता है अजनबी
हमारे अनुमान से ज्यादा बड़ा, और ऊंचा
क्या कोई उपाय है अंगारों की इस जलन का ?
~ ~
मैं अपना गीत नहीं सुनाऊंगा --
कैसा गीत अगर उस पर बोझ नहीं है
प्रेम की कड़वाहट का
और उसका जिसे अधर में लटकता छोड़ देती है
हवा की नादानी
कैसा गीत
अगर उसका समकक्ष
प्रगट न होता हो रुलाई के छोर से
~ ~
आह, नहीं
मैं नहीं चाहता कि मेरी आँखें तैरें
उसकी आँखों के अलावा और किसी जगह नहीं
नहीं चाहता कि शुद्ध हो जाए मेरा प्रेम और उसकी मिल्कियत
नहीं चाहता कोई सम्बन्ध, कोई कुनबा या पहचान
चाहता हूँ एक भाषा होना खुशी की
एक अक्षर देंह के अंग-प्रत्यंग का
~ ~
(अनुवाद : मनोज पटेल)
अली अहमद सईद असबार अडोनिस Ali Ahmad Said Esber Adonis Poems in Hindi Translation
.....नहीं चाहता कोई सम्बन्ध....कोई कुनबा कोई पहचान .....बस एक भाषा ख़ुशी की.....
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