Friday, July 8, 2011

रोक डाल्टन की दो कविताएँ

रोक डाल्टन की दो कविताएँ...


प्रेम 

प्रेम मेरा दूसरा वतन है 
मेरा असली वतन 
वह नहीं जिसपर मुझे गर्व है 
बल्कि वह जो मुझे तकलीफ़ देता है 
                    :: :: 

तनावपूर्ण बातचीत   

तुम क्या करोगे अगर तुम्हारे सबसे खराब दुश्मन भी 
तुमसे कई गुना ज्यादा 
बेहतर हों ?

यह तो कुछ भी नहीं. दिक्कत तो तब आती है 
जब तुम्हारे सबसे अच्छे दोस्त 
तुमसे बदतर हों.

सबसे खराब बात है कि तुम्हारे सिर्फ दुश्मन ही दुश्मन हों. 

नहीं. सबसे खराब बात है कि तुम्हारे सिर्फ दोस्त ही दोस्त हों.

मगर, दुश्मन कौन है ?
तुम खुद या तुम्हारे दुश्मन ? 

फिर मिलेंगे,
दोस्त. 
                    :: :: 

(अनुवाद : मनोज पटेल) 

1 comment:

  1. हमेशा कुछ ना कुछ मिलता है यहाँ से पढ़ने के लिए सीखने के लिए और चर्चा के लिए भी

    ReplyDelete

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...