करेन अलकालय-गट की एक और कविता...
सलाह : करेन अलकालय-गट
(अनुवाद : मनोज पटेल)
बहुत गंभीरता से मत लो मुझे -- डर लगता है यह सोचकर
कि मेरा हर शब्द बहुत गहरा मायने रखता है तुम्हारे लिए,
कि बीस साल में तुम दोष देने लगोगे मुझे
गलत सलाह देने के लिए, और मुझे अंदाजा भी नहीं होगा कि
क्या कहा था मैंने. मैं सुरक्षित रखती हूँ अपना अधिकार
हर समय बहुत सतर्क न रहने का -- झपकी लेने का, अपनी
उस छोटी सी दुनिया में जा घुसने का जहां
सिर्फ मैं गंभीरता से लेती हूँ खुद को.
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मै सुरक्षित रखती हूँ अपने अधिकार ...
ReplyDeleteकाश !!!!!!!! स्त्री को ये अधिकार मिल जाए कि वो अपने अधिकार सुरक्षित रख सके ...सुन्दर रचना
बहुत सुंदर..............
ReplyDeleteदिल को छू गयी................
शुक्रिया
अपने शब्दों को सिर्फ कहने वाला ही समझ सकता है..बहुत सुंदर !
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