महान यूनानी कवि यानिस रित्सोस की एक कविता...
कर्त्तव्य : यानिस रित्सोस
(अनुवाद : मनोज पटेल)
सांझ के झुटपुटे में टिमटिमाता है एक सितारा
किसी कुंजी के रोशन छेद की तरह
तुम अपनी आँखें चिपका लेते हो उस पर -- भीतर नजर डालते हो -- हर चीज देखते हो तुम
पूरी तरह रोशन है दुनिया बंद दरवाजे के पीछे
तुम्हें उसे खोलने की जरूरत है
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वाह!
ReplyDeleteबहुत बढिया!!
ReplyDeleteलेकिन कैसे खुलेगा यह दरवाजा ? चाभी न मिली तो तोड़ना ही पड़ेगा !! बहुत गहरे अर्थों भारी कविता ! आभार मनोज जी !
ReplyDeleteबंद दरवाजा ही रहस्यमय दुनिया तक पहुँच को रोकता है.अँधेरे से रौशनी का सफर इतना सरल भी नहीं.
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