एंतोनियो पोर्चिया की कुछ और कविताएँ...
आवाजें : एंतोनियो पोर्चिया
(अनुवाद : मनोज पटेल)
तुम उनसे बंधे हो और यह नहीं समझ पाते कि कैसे,
क्योंकि वे तुमसे नहीं बंधे हैं.
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वह सब कुछ जो मैं जानता हूँ, उसे जानने तक में मेरी कोई मदद नहीं करता.
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हर चीज थोड़ा सा अँधेरे की होती है, रोशनी भी.
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कुछ चीजें अपने अस्तित्व के अभाव को मुझे दिखलाने के लिए, मेरी हो गईं.
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सूरज रात को रोशन करता है, उसे रोशनी में नहीं बदल देता.
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एक बड़े दिल को बहुत कम से भरा जा सकता है.
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गहरे अर्थ लिए आवाजें!
ReplyDeletedil ko chhu lene wale comment
ReplyDeleteएक बड़े दिल को बहुत थोड़े से भरा जा सकता है..बहुत सुंदर !
ReplyDeleteएक बड़े दिल को बहुत कम से भरा जा सकता है ... कितनी गहरी बात ... यही महानता भी है उस बड़े दिल की .. गहरे भावों वाली छोटी पंक्तियां
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