जैक एग्यूरो की कविता...
प्रार्थना : भाड़े पर नन : जैक एग्यूरो
(अनुवाद : मनोज पटेल)
प्रभु,
मैं एक नन ले सकता हूँ भाड़े पर.
सौ अमेरिकी डालरों के बदले
एक नन मिल सकती है मुझे
जो साल भर प्रार्थना करेगी मेरे लिए.
प्रभु, एक नन के मेरे पक्ष में आ जाने से
मैं वो सारी चीजें पा सकता हूँ जो पाना चाहता था --
वह ख़ास स्त्री जिसका इंतज़ार रहा है मुझे,
एक बिल्ली जो मुझे खरोंचे नहीं और मुझे छींक न आए जिसकी वजह से,
एक वेतनवृद्धि, खुल जाने वाला एक टिकट लाटरी का.
मगर भगवन,
यदि यह कारगर न साबित हुआ,
और सुनी नहीं गईं मेरी प्रार्थनाएं,
उपभोक्ता धोखाधड़ी का मामला देखने वाला फ़रिश्ता कौन है?
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स्रोत: लास एंजिल्स, १६ फरवरी १९९७ की डेटलाइन के साथ El Diariol La Prensa की एक खबर.
नन के बहाने स्त्री के सौम्य स्वरुप की इच्छा और प्रभु से संवाद.
ReplyDeleteएक नन के बहाने स्त्री मन के अंदर मचलते भावों को खूबसूरती से पिरोया गया है...
ReplyDeleteसादर...!
बढ़िया भाव ... आभार आपका !
ReplyDeleteइस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - यह अंदर की बात है ... ब्लॉग बुलेटिन