जंगल मौन की भाषा हैं जिन्हें सिर्फ महसूस किया जा सकता है.
nice.............
यानी की हर चीज की अपनी भाषा होती है जिसमे ठीक-ठीक उसे बताया जा सकता है ...........वाह क्या बात है !बहुत गहरी बात काही है इन पंक्तियों म ! आभार मनोज जी इस नायाब तोहफे के लिए !
कितनी करुण बात....!
जंगल मौन की भाषा हैं जिन्हें सिर्फ महसूस किया जा सकता है.
ReplyDeletenice.............
ReplyDeleteयानी की हर चीज की अपनी भाषा होती है जिसमे ठीक-ठीक उसे बताया जा सकता है ...........वाह क्या बात है !बहुत गहरी बात काही है इन पंक्तियों म ! आभार मनोज जी इस नायाब तोहफे के लिए !
ReplyDeleteकितनी करुण बात....!
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