जब तक माहौल साजगार न हो जाए ..............सख्त बने रहना और साबुत !क्या बात है !! बहुत अच्छी कविता ! आभार मनोज जी !
लड़ने की ताकत देता है बीज ..... अलग सोच
जीने के लिए कोमलता से गुजर नहीं होता.मजबूत बनकर ही आहत होने से बचा जा सकता है.
जब तक माहौल साजगार न हो जाए ..............सख्त बने रहना और साबुत !
ReplyDeleteक्या बात है !! बहुत अच्छी कविता ! आभार मनोज जी !
लड़ने की ताकत देता है बीज ..... अलग सोच
ReplyDeleteजीने के लिए कोमलता से गुजर नहीं होता.मजबूत बनकर ही आहत होने से बचा जा सकता है.
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