Monday, June 4, 2012

एवा लिप्सका की कविता

पोलिश कवियत्री एवा लिप्सका की एक कविता...   

 
प्रतिनिधि : एवा लिप्सका 
(अनुवाद : मनोज पटेल) 

इस तरह लिखना कि 
भिखारी स्वीकार कर लें उसे पैसे की जगह. 

और जन्म की जगह स्वीकार कर लें उसे 
मरते हुए लोग.  
               :: :: :: 

6 comments:

  1. A blissful respite from the nasty anxieties of life. How i wish i could sit on the water tank of 3rd block admiring the tree tops, the moon and the gentle breez rustling past my ears.

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  2. आशावादी और जीवनदायी लेखन की हिमायत करती सुन्दर सोच.

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  3. "और जन्म की जगह" , की जगह 'जिंदगी की जगह ' कैसा रहेगा ?

    कविता तो बेमिसाल है ! आज कविता मे वह असर कहाँ ! आभार !

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  4. अदभुत.अदभुत अदभुत.

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