Sunday, May 8, 2011

नाजिम हिकमत : वेरा

आज तुर्की कवि नाजिम हिकमत (1902-1963) की आखिरी कविताओं में से एक कविता - वेरा.  (वेरा उनकी पत्नी का नाम था.) 















वेरा  :  नाजिम हिकमत 
(अनुवाद : मनोज पटेल)

आओ  वह बोली 
ठहरो  वह बोली 
हंसो  वह बोली 
मर जाओ  वह बोली 

मैं आया 
मैं ठहरा 
मैं हंसा 
मैं मर गया 
                                       1963 
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