Wednesday, June 8, 2011

हमदा खमीस : जो मेरा नहीं है


हमदा खमीस - 1946 में बहरीन में जन्म. बग़दाद यूनिवर्सिटी से राजनीति विज्ञान की पढ़ाई. संयुक्त अरब अमीरात में पत्रकार के रूप में कार्य. खाड़ी की प्रमुख पत्रिकाओं में कविताएँ प्रकाशित. अब तक कविताओं की पांच किताबें. 1989 से काहिरा में निवास. 














जो मेरा नहीं है : हमदा खमीस 
(अनुवाद : मनोज पटेल)

इस समय जो कुछ भी अस्तित्व में है 
मेरा नहीं है 
वह मर्द जो नहा रहा है 
मेरी देंह में नहाने के पहले 
मेरा नहीं है 
वह मर्द जो थक चुका है 
मेरी भूलभुलैया में भटकते हुए 
मेरा नहीं है 
वह सुसंस्कृत मर्द जो 
तराशता है अपने नाखून 
मेरी एकरसता को खुरचने के पहले 
मेरा नहीं है 
वह मर्द जो हर तरह का चारा डालता है मेरे इर्द-गिर्द 
और भूल जाता है मेरी भूख को 
मेरा नहीं है.
                    ~ ~

यह चिकनी दीवारें 
मेरी नहीं हैं 
मामूली और चिर-परिचित चीजों से लैस घर 
मेरा नहीं है 
मेरी कैद की चौखट बना यह घर 
मेरा नहीं है 
नकेल और काठी से सुसज्जित घोड़ा 
मेरा नहीं है. 
                    ~ ~ 

खुला हुआ वतन 
मेरा है 
चरागाह की सुबह 
मेरी है 
एक आज़ाद घोड़े का जोश 
मेरा है 
और तमाम हिरनों का गर्व 
मेरा है 
यह वैभव मेरा है 
मेरा है 
यह ब्रह्माण्ड! 
                    :: :: :: 

11 comments:

  1. vasudhav kutumbakam. sundar dhang se kahte hai aap baat.

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  2. नकेल और सुसजित घोडा मेरा नहीं है .........
    एक आजाद घोड़े का जोश मेरा है ...........
    मेरा है यह ब्रहमांड .....!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!वाह....जीवन के परमानन्द के पलों को कोयिले की खान से निकले शाब्दिक पत्थर को हीरे की तरह तराशा है ...मनोज भाई ....बहुत सुन्दर nirmal paneri

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  3. Sachmuch...khula hua vatan hi mera hai!

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  4. हाँ !! मेरे घर में दीवारें नहीं हैं ,
    न दरवाज़े,
    न सांकलें
    जिनमें ताले लटकते हैं !

    बहुत अच्छी कविता ! आज़ादी और आत्म-गौरव के अनुराग में पगी !
    शानदार प्रस्तुतिऔर अनुवाद के लिए बधाई !

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  5. क्या जादुई कविता है , क्या अनुवाद, दुआएं

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  6. ek stri ka dukh achcha vayakt kiya gaya hai...isme uski ghutan mehsoos hui padkar...aur azadi ki chah bhi

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  7. एक अलग तरह का आभास हो रहा है जिसे शायद शब्दों में व्यक्त नहीं का सकती मनोज जी..... सुंदर...

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  8. मनोज जी, आपने विश्व की उत्तम कविताओं को, अनुवादित कर जो हम सभी को पढ़ने का उनका रसानुस्वाद चखने का मौका दिया, उसके लिए आपको धन्यवाद॥

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