Sunday, June 12, 2011

अमीना सईद की कविता


ट्युनिसियाई पिता और फ्रांसीसी माता की संतान अमीना सईद का जन्म 1953 में ट्यूनिस में हुआ था. अरबी और फ्रेंच दोनों भाषाओं का ज्ञान लेकिन कवितायेँ फ्रेंच में लिखती हैं. सोलह साल की उम्र में अपने माता-पिता के साथ पेरिस आकर अंग्रेजी साहित्य की शिक्षा प्राप्त की. फिर ट्यूनिस वापस जाकर 1979 तक अध्यापन कार्य किया. उसके बाद स्थायी रूप से पेरिस में बसने का फैसला. कविता की आठ किताबें प्रकाशित. कविताओं का दुनिया की कई भाषाओं में अनुवाद. इसी सप्ताह शुरू हो रहे राटरडम कविता महोत्सव में 17 जून 2011 को अमीना सईद का कविता पाठ निर्धारित है. 


मैं जानती हूँ एक दिन : अमीना सईद 
(अनुवाद : मनोज पटेल)

मैं जानती हूँ एक दिन कागज़ 
खामोशी का तर्जुमा करना बंद कर देगा 
इंसानी बातों में 

लफ्ज़ खुद ही 
मेरा दरवाज़ा खटखटाना बंद कर देंगे 

वक़्त मुझे मरता हुआ देखेगा 
शायद बहुत दूर समुन्दर से 
उफ़क को लिए हुए बाहों में 

सितारा जो चमकता है मेरे लिए 
बुझ जाएगा धीरे-धीरे 

और रात मुझे चुपचाप तह करके रख देगी 
मौत के अँधेरे अंडे में 

तब मेरे पहले बचपन की सुबह 
मुझे याद करेगी  
वह पुराना पेड़ 
जिसने मुझे जाते हुए देखा था 
और वे सारे परिंदे 
जो मेरे आसमान से गुजरे थे 
मुझे याद करेंगे 

जब मेरी परछाईं को 
छुएगी रोशनी 
मैं जान जाऊंगी कि वह मैं ही थी 
ठीक अपनी दोगुनी 

केवल हाड़-मांस की परछाईं ही 
चल-फिर सकती है इस धरती पर. 
                    :: :: :: 

14 comments:

  1. apni he vishisht pahchan liye hue aapka blog na jaane kitne he logon ko vish saahitya se jod chuka hai. ham sabke jeevan me manoj ji aapka ya yogdan kisi bahut bade punya se kam nahin. nirantar achchi kavitaaye chun kar aap hame padhate hain. abhar.

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  2. मन के अंदर उथल-पुथल उत्पन्न करती एक सुन्दर कविता उतना ही सुंदर अनुवाद....

    आभार मनोज जी...

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  3. शांत बहती क्षिप्र-धारा सी लगी अमीना सईद की कविता ,जिसमे लहरें तो उठती हैं लेकिन धारा को तोड़ती नहीं ! बहुत सुन्दर ! धन्यवाद मनोज जी !

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  4. एक दिन कागज़
    खामोशी का तर्जुमा करना बंद कर देगा ..

    सितारा जो चमकता है मेरे लिए
    बुझ जाएगा धीरे-धीरे ..

    शुक्रिया मनोज भाई एक सुन्दर कविता से परिचय कराने के लिए .

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  5. Ekdam khamosh kar deti hain kuch kavitayen.

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  6. इस कविता के अनुवाद की सबसे बड़ी खासियत है हिन्दी-उर्दू के शब्दों का सहज और रवानी भरा प्रयोग...कविता तो खैर शानदार है ही.

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  7. ameena saied ji ki kavita mai janta hu ek din,bahut prabhi hai ,laybadhyata ke saath shaved chitra banati hai

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  8. khamoshi se yaden doharati ek khoobsurat kavita...

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  9. मर्मस्‍पर्शी काव्‍य-संवेदना... खुद पर नजर डालने का ऐसा अंदाज सचमुच अनूठा... अनुवाद काबिलेतारीफ। उपलब्‍ध कराने के लिए 'पढ़ते-पढ़ते' का आभार...

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  10. aj is blog ki bahut si kavitayen padh gaya hu. best place for world poetry in hindi translation.

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  11. Bahut Sunder Kaviyyen... thank u Manoj ji, aap ne jo anubad kya aur hume padne ka awasar mila..

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  12. bahut sunder kavityen... thanks Manoj ji anubad karne k lye.

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