Friday, February 10, 2012

अब्बास कियारोस्तामी : काक-भगौड़ा

ईरानी फिल्मकार अब्बास कियारोस्तामी की कुछ और कविताएँ... 

 

अब्बास कियारोस्तामी की कविताएँ 
(अनुवाद : मनोज पटेल) 

गर्मियों की दोपहर में 
अपना ऊनी हैट पहने 
पसीने से तर-बतर है काक-भगौड़ा. 
:: :: :: 

बिना डरे 
ढेला मारते हैं गाँव के बच्चे 
काक-भगौड़े के टीन के सर पर. 
:: :: :: 

सींचा जा रहा है 
एक काक-भगौड़ा 
खेत के बीचोबीच. 
:: :: :: 

एक खाली खेत में 
एक तनहा काक-भगौड़ा 
सर्दियों की शुरूआत में. 
:: :: :: 

काक-भगौड़े की तार-तार पोशाक को 
हवा उकसाती है 
नाचने के लिए --
पहला दिन है नए साल का. 
:: :: :: 
Manoj Patel Blog

1 comment:

  1. प्रतीकों के माध्यम से कितना कुछ कहती कवितायेँ!
    आभार!

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