Sunday, February 12, 2012

राबर्टो जुअर्रोज़ : रात में लिखी जाती हैं कविताएँ

राबर्तो हुआरोज़ की एक और कविता... 

 
राबर्टो जुअर्रोज़ की कविता 
(अनुवाद : मनोज पटेल) 

सारे जुनूनों की तरह 
भाषा का जूनून भी, 
रात में आता है हमारे पास. 
कभी-कभी हमारे जागते में 
मगर ज्यादातर तभी जब सो रहे होते हैं हम. 

फिर हम भूलना शुरू करते हैं वे बातें 
जिन्हें लगता था कि जानते हैं हम 
और शुरू करते हैं जानना 
उन बातों को जिन्हें लगता था कि जानते नहीं. 

यही वजह है कि रात में लिखी जाती हैं कविताएँ, 
गोकि कभी-कभी रोशनी का 
भेष बदले होती हैं वे,  
और अगर दिन में लिखा जाता है उन्हें 
दिन को वे बदल देती हैं रात में.  
                    :: :: ::  
राबर्तो हुअर्रोज़ 

5 comments:

  1. रात चूं चर्र मर्र जाती है / ऐसी गाड़ी में नींद भला आती है .

    ReplyDelete
  2. कविता के जन्म से जुड़े एक महत्वपूर्ण तथ्य पर रोशनी डालती है कविता ! आभार इसके अनुवाद की प्रस्तुति के लिए !

    ReplyDelete
  3. कविता-कर्म के मर्म पर सुंदर बात!

    ReplyDelete
  4. यही वजह है कि रात में लिखी जाती है कवितायें.
    हाँ.
    सुन्दर अनुवाद.
    !
    :)

    ReplyDelete

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...