राबर्तो हुआरोज़ की कविताओं के क्रम में एक और कविता...
राबर्टो जुअर्रोज़ की कविता
(अनुवाद : मनोज पटेल)
किस चीज को मिटाया जाए पहले :
परछाईं को या शरीर को,
कल लिखे गए शब्द को
या उस शब्द को जो लिखा गया है आज,
बादलों से घिरे दिन को
या साफ़ दिन को?
तय करना ही पड़ता है एक क्रम.
दुनिया को मिटाना सीखना
जल्द काम आएगा हमारे खुद को मिटाने में.
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राबर्तो हुअर्रोज़, Manoj Patel Blog
शरीर को बिना मिटाए परछाई मिट ही नहीं सकती है......वाह....नया अंदाज::::::::::::\\\\\/////
ReplyDeleteवाह!
ReplyDeletevah,adbhut...
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