Saturday, February 25, 2012

कासिम हद्दाद : एक टापू नहीं हैं हम

बहरीन के कवि कासिम हद्दाद की कविताएँ...  

 
कासिम हद्दाद की कविताएँ 
(अनुवाद : मनोज पटेल) 

एक टापू नहीं हैं हम,  
सिवाय उन लोगों के लिए जो देखते हैं हमें समुन्दर से. 
:: :: :: 

आधे प्याले में शराब, 
मगर खाली नहीं था बाक़ी का आधा; 
वह गुम हुआ मदहोशी में... 
:: :: :: 

खिड़की पर खिंचा पर्दा 
जैसे एक खिदमतगार 
ज्यादा ताकतवर अपने सुल्तान से.
:: :: :: 

यह पूरी रात 
काफी नहीं है मेरे ख़्वाबों के लिए. 
:: :: :: 

2 comments:

  1. कविताओं का क्षितिज कहाँ से शुरू होता है कहाँ समाप्त... कौन जाने!
    बहुत सुन्दर अनुवाद!

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