एंतोनियो पोर्चिया की कविताओं के क्रम में...
आवाजें : एंतोनियो पोर्चिया
(अनुवाद : मनोज पटेल)
सब कुछ, कुछ नहीं है, मगर बाद में.
सब कुछ सह लेने के बाद.
:: :: ::
क्योंकि वे उसका नाम जानते हैं जो मैं ढूंढ़ रहा हूँ,
उन्हें लगता है वे जानते हैं कि मैं क्या ढूंढ़ रहा हूँ.
:: :: ::
प्रशंसा करने की बजाय प्यार करना मेरे लिए हमेशा आसान रहा.
:: :: ::
तुम्हें आंसुओं की नदी इसलिए नहीं दिखती क्योंकि उसमें तुम्हारे एक आंसू की कमी है.
:: :: ::
सिर्फ फासले हैं मेरे करीब.
:: :: ::
अंतोनियो पोर्चिया एन्टोनियो पोर्चिया
तुम्हें आंसुओं की नदी इसलिए नहीं दिखती क्योंकि उसमें तुम्हारे एक आंसू की कमी है.
ReplyDeleteशुक्रिया मनोज जी!
adbhut!
ReplyDeleteप्रशंसनीय प्रस्तुति !
ReplyDeleteवाह चमत्कारिक पंक्तियाँ हैं ...कमाल की प्रस्तुति !आभार मनोज जी !
ReplyDelete